अजब गजब: इस देश में हर साल डॉल्फिनस को उतारा जाता है मौत के घाट, 16 हजार से ज्यादा मछलियों का होता है शिकार, सरकार भी नहीं करती एतराज

  • सालभर में हजारों डॉल्फिन्स को उतारा जाता है मौत के घाट
  • 16 हजार मछलियों का होता है शिकार
  • सरकार को नहीं होता कोई एतराज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-10 17:36 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दुनिया में बहुत से लोगों को मछलियां पकड़ने का शौक होता हैं। हालांकि, कई लोग अलग-अलग उद्देश्य से मछली पकड़ते रहते हैं। इनमें से कई लोग मछलियों को पालता है, तो कई मछलियों का व्यापार करता हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मछलियों को मारकर खा जाता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की जापान के ताईजी नाम के इलाके में बड़ी क्रूरता के साथ इस काम को अंजाम दिया जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि वहां की सरकार को इससे कोई आपत्ति नहीं है। मगर, पूरी दुनिया में जापान के इस शिकारी खेल की आलोचना की जाती है।

खून से हो जाता है समंदर लाल

ऐसा दावा किया जाता है कि शिकार के दौरान समुद्र के पानी का रंग पूरा लाल हो जाता है। यह तमाशा महीने की शुरुआत में समुद्री तट वाले शहरों में शुरु होता है। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है की इस अजीबोगरीब खेल को कभी भी बंद नहीं किया जा सकता। इन डॉल्फिन्स में स्तनधारी मछलियों की संख्या सबसे अधिक होता है। क्योंकि उनमें ज्यादा मास पाया जाता है।

इस तरह से किया जाता है शिकार

इन डॉल्फिनस का शिकार मछुआरे बहुत चालाकी से करते हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा मछलियों को मारा जा सके। सबसे पहले मछुआरे अपनी नावों के नीचे लगे स्टेनलेस स्टील के खंबों में पानी डालकर उसपर ऊपर से हथोड़े को कई बार मारते हैं। इस हथोड़े से उत्पन्न होने वाली आवाजों से पानी के अंदर एक दीवार बनाती है। जिससे प्रभावित होकर डॉल्फिन अपने आप को उस दीवार और तटरेखा के बीच फंसा हुआ पाती हैं। इस ध्वनि से बचने की कोशिश में डॉल्फिन्स विपरीत किनारे की तरफ तैरती हैं। इसका फादया उठाते हुए मछुआरे मछलियों को ताईजी बंदरगाह के नजदीक एक छोटी खाड़ी की ओर ले जाते हैं । जब लंबे समय तक मछलियां तैरते हुए थक जाती हैं,तब मछुवारे उनकी गर्दन में नुकीली धातु से तेज प्रहार कर देते हैं। जिसके बाद उनकी रीढ़ की हड्डी टूट जाती है और अंतत: उनकी मौत हो जाती है।

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